फूल नहीं हूँ
कि कुचलकर मसलकर
मिटा दोगे मेरा वजूद
शब्द हूँ मैं
जितनी कोशिश करोगे
मिटाने की
उतनी ही प्रखरता से
उभरेगा मेरा अर्थ
हर बार
बार बार लगातार
कि कुचलकर मसलकर
मिटा दोगे मेरा वजूद
शब्द हूँ मैं
जितनी कोशिश करोगे
मिटाने की
उतनी ही प्रखरता से
उभरेगा मेरा अर्थ
हर बार
बार बार लगातार
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