इक्कीसवी सदी के
द्वार पर खड़ी औरत
देख रही है पीछे .........
आँखों में उभरती हैं
अख़बार की सुर्खियाँ ........
एक अस्सी वर्ष की
वृधा से बलात्कार
जिन्दा जलाई जाती
नव विवाहिताओं की चित्कार
इक्कीसवीं सदी में भी
क्या ऐसा ही होगा मेरे साथ
पूछ रही है औरत
द्वार पर खड़ी औरत
देख रही है पीछे .........
आँखों में उभरती हैं
अख़बार की सुर्खियाँ ........
एक अस्सी वर्ष की
वृधा से बलात्कार
जिन्दा जलाई जाती
नव विवाहिताओं की चित्कार
इक्कीसवीं सदी में भी
क्या ऐसा ही होगा मेरे साथ
पूछ रही है औरत
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