गुड़ियों से खेलती बच्ची
नहीं जानती
गुड़ियों का खेल है
उसकी जिन्दगी
यहीं से खिचती है i
एक लक्छ्मन रेखा
जिसके पार वह
लड़की है
लड़की अर्थात गाय
जो प्रतिवाद में
फटकारती नहीं सींग
मरकही की संज्ञा पा
वंचित न हो जाये खूंटे से
इसीलिए घुमती है
खूंटे के इर्द गिर्द
नहीं जानती
गुड़ियों का खेल है
उसकी जिन्दगी
यहीं से खिचती है i
एक लक्छ्मन रेखा
जिसके पार वह
लड़की है
लड़की अर्थात गाय
जो प्रतिवाद में
फटकारती नहीं सींग
मरकही की संज्ञा पा
वंचित न हो जाये खूंटे से
इसीलिए घुमती है
खूंटे के इर्द गिर्द
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