तिरंगा
हवा में लहराता तिरंगा
पूछता है मुझसे
आखिर कब तक
मैं ढोऊंगा
इन रंगों का भार
कब तक फहराऊंगा मैं
यूँ ही निरर्थक
कब? आखिर कब ?
समझोगे तुम
इन रंगों का महत्व ?
हवा में लहराता तिरंगा
पूछता है मुझसे
आखिर कब तक
मैं ढोऊंगा
इन रंगों का भार
कब तक फहराऊंगा मैं
यूँ ही निरर्थक
कब? आखिर कब ?
समझोगे तुम
इन रंगों का महत्व ?
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