अब की सावन में
बरसे नहीं मेह
उठी नहीं कजरी
कुँवारी ही रह गई
अमुआ की डार
बिटिया को मिली नहीं
हथेली भर मेंहदी
प्यासी है धरती
प्यासी है चूनर
उसाँसों से भर गया
खाली आकाश
ड्योढ़ी से दबे पाँव
सरक गया सावन
बरसे नहीं मेह
उठी नहीं कजरी
कुँवारी ही रह गई
अमुआ की डार
बिटिया को मिली नहीं
हथेली भर मेंहदी
प्यासी है धरती
प्यासी है चूनर
उसाँसों से भर गया
खाली आकाश
ड्योढ़ी से दबे पाँव
सरक गया सावन
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