चिड़िया
चुन चुन कर
तिनके
बुनती है घोसला
डैनों पर अपने
तोलती है आकाश
आँधियों से बेखबर
चुनती है सपने
अक्सर बिखर जाते हैं
सपने
मगर बिखरती नहीं वह
सहेज कर बिखरे सपने
जुट जाती
पुनर निर्माण में
तिनके
बुनती है घोसला
डैनों पर अपने
तोलती है आकाश
आँधियों से बेखबर
चुनती है सपने
अक्सर बिखर जाते हैं
सपने
मगर बिखरती नहीं वह
सहेज कर बिखरे सपने
जुट जाती
पुनर निर्माण में