Sunday, May 29, 2011

बच्चा

बच्चा अब देखता नहीं सपने
 परियों के
 अब उसके सपनों में
 आता है सुपरमेन
 एक्सन रिएक्सन से
 भरा होता है उसका सपना
 अब वह सपनें में
 बनता नहीं है राजकुमार
 किसी बुढ़िया के दुःख से अब
 द्रवित नहीं होता
 उसका मन
 सपनों में बच्चा अब
 बनता है बड़ा आदमीं
 नोटों से भरा होता है
 उसका सूटकेश
 बच्चा जा रहा है
 इक्कीसवीं सदी में
 सब कुछ रोंदते हुए 

Wednesday, May 11, 2011

बुधिया

 बुधिया ने शुरू किया था
 अपना सफर  बारात के साथ
चलती रही वह बारात के
 साथ साथ .
मगर बारात कभी
रुकी नहीं उसके द्वार 
उसके सर पर है
रोशनी का ताज
मगर रोशनी
 कभी ठहरी नहीं
 उसके द्वार
चिराग तले अंधेरा
को चरितार्थ  करती वह चल रही है                           
आज भी
बारात के साथ साथ