Tuesday, March 8, 2011

औरत

औरत 

मन पूछता है अक्सर 
कि औरत क्या है ?
क्या है उसकी अहमियत ?
आँखों में उभरता है मील का पत्थर 
जो रहता है थिर 
फिर भी उसके सहारे तय होती है मंजिलें 
हाँ मील का पत्थर है 
औरत

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